कोरोना का संकट सचिन जी पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की तत्काल मांग

जाट आरक्षण आंदोलन 



जाट आरक्षण आंदोलन चला तो गहलोत ने जाट आरक्षण का खुला विरोध किया। इस कारण जाटों ने अटल बिहारी वाजपेई द्वारा वादा करने पर पहली बार खुलकर भाजपा को वोट दिये। वाजपेई प्रधानमंत्री बने और जाटों को आरक्षण दिया। 

सन् 2003 के विधानसभा चुनाव में जाटों के समर्थन से राजस्थान में भाजपा की पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। 

जाटों की नाराजगी के चलते 2008 में भी कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला, परंतु जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली। अब गहलोत का दिमाग तीसरे आसमान पर पहुंच गया। खट्टर और सिद्धारमैया की तरह जाट विरोधी नीति अपना ली। जाट लीडरशीप को कांग्रेस में खत्म करने में गहला-ऊत सफल हो गया, लेकिन जाट मतदाताओं ने 2013 व 2014 के चुनाव में गहलोत और सोनिया को उनकी औकात बता दी, परंंतु ठग और धोखेबाज अपनी आदतों से बाज नहीं आते। अब पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सत्ता हथियाने की ठगी रची गई। 

     
श्री हनुमान जी बेनीवाल गत 2-3 वर्ष से प्रदेश में बड़ी किसान रैलियों में वसुंधरा और गहलोत को समान रूप से निशाने पर ले रहे थे। उनकी पार्टी जो चुनाव से ठीक पहले अस्तित्व में आई थीं, उसने कांग्रेस की सीटें कम करने में अहम भूमिका निभाई थी।उनके 3 विधायक जीते।

श्री हनुमान जी बेनीवाल ने श्री सचिन जी पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की तत्काल मांग कर अपना समर्थन देने की घोषणा कर डाली। 

इससे एक ओर तो पायलट और गुर्जरों को बल मिला, दूसरी ओर हाईकमान और गहले-ऊत को भारी धक्का लगा। तीन दिन तक मुख्यमंत्री कौन बने, इसका निर्णय नहीं हो सका। पायलट को इस शर्त पर हाईकमान ने मना लिया कि लोकसभा चुनाव के बाद आपको मुख्यमंत्री बना दिया जायेगा, पर यह षड्यंत्र था। गहले-ऊत ने पायलट को उप-मुख्यमंत्री बनाया, परंंतु गृहमंत्री या वित्त मंत्री नहीं बनाया। यह सरासर अन्याय और विश्वासघात था। पायलट तो खामोश रहे, परंंतु जाट-गुर्जरों ने लोकसभा चुनाव में गहलोत और कांग्रेस की खाट खड़ी कर दी।ऐसा ही मध्यप्रदेश में हुआ। मध्यप्रदेश में कांंग्रेस सरकार गई और राजस्थान में भी जाने वाली है। 

कोराना का संकट नहीं होता तो जाट, गुर्जर, मीणा इस जनमत विरोधी सरकार को 3 दिन में चलती कर देते। गहलोत-पायलट के बीच का यह सत्ता संघर्ष राजस्थान में कांंग्रेस का सफाया करने के साथ ही जाट, गुर्जर, मीणा, जैसी किसान जातियों को एकता के सूत्र में बांधने का अवसर भी देगा, पंरतु ठग ठगी के नये तरीके खोजते रहते हैं, इसलिए सदैव ठगों से सावधान रहने की जरूरत है।

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