भारत में लागू हुआ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
▪️ Consumer Protection Act, 2019: भारत में 20 जुलाई 2020 से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 लागू हो गया है। इसने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को बदला है। इस नए अधिनियम की शुरुआत खरीदारों को न केवल पारंपरिक विक्रेताओं से बल्कि नए ई-कॉमर्स खुदरा विक्रेताओं / मंचों से भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई है। यह नया अधिनियम उपभोक्ताओं को सशक्त बनायेगा और इसके विभिन्न अधिसूचित नियमों व प्रावधानों के माध्यम से उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा।
EDIT BY -: Sukharam Choudhary
▪️उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की प्रमुख विशेषताओं में उपभोक्ता संरक्षण परिषदों, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों, मध्यस्थता, उत्पाद दायित्व तथा मिलावटी/ नकली सामान वाले उत्पादों के निर्माण या बिक्री के लिए सजा शामिल है। इसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना भी शामिल है जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उन्हें लागू करना है। साथ ही, यह उपभोक्ता अधिकारों और संस्थान की शिकायतों / अभियोजन के उल्लंघन की भी जांच करेगा। इसके अलावा यह दैनिक वस्तुओं और सेवाओं को वापस लेने का आदेश देने, अनुचित व्यापार शुरू करने और भ्रामक विज्ञापनों को रोकने का आदेश भी देगा।
🔰उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
🎯केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री: रामविलास पासवान.
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा दिल्ली में सीरो-प्रचलन अध्ययन किया गया...👇
▪️स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने नई दिल्ली में सीरो-निगरानी अध्ययन शुरू किया है।
🔸मुख्य बिंदु
▪️अध्ययन का आयोजन नेशनल सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल तथा दिल्ली सरकार के सहयोग से किया गया था। यह सर्वेक्षण दिल्ली के सभी जिलों में 27 जून, 2020 और 10 जुलाई, 2020 के बीच किया गया।
🔹सीरो-प्रचलन अध्ययन
▪️चयनित व्यक्तियों के सीरो को आईजीजी एंटीबॉडी के लिए परीक्षण किया गया था। एंटीबॉडी की पहचान COVID KAVACH ELISA टेस्ट का उपयोग करके की गई थी। यह परीक्षण ICMR द्वारा अनुमोदित किया गया है
🔸परिणाम
▪️सीरो-प्रचलन अध्ययन के परिणामों के अनुसार, दिल्ली में IgG एंटीबॉडी का प्रसार 23.48% था।
🔹महत्व
▪️सीरो-निगरानी बीमारी के प्रसार का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण सबूत उत्पन्न करता है। यह जानने में भी मदद करता है कि कितने व्यक्ति स्पर्शोन्मुख बने हुए हैं।
🔸राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र
▪️यह एक संस्थान है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत संचालित होता है। एनसीडीसी की स्थापना 1963 में संचारी रोगों को नियंत्रित करने और भारत के मलेरिया संस्थान की गतिविधियों को मान्यता देने के लिए की गई थी।
ओला ने वैश्विक ग्राहकों के लिए की एंटरप्राइस मोबिलिटी समाधान ‘Ola Corporate’ की शुरुआत
🔹भारत के मोबिलिटी प्लेटफॉर्म ओला ने वैश्विक बाजारों में अपने उद्यम मोबिलिटी समाधान ‘Ola Corporate’ की शुरुआत की है। यह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन के सभी ग्राहकों के लिए एंटरप्राइस की पेशकश को पूरा करेगा।
🔸यह समाधान सबसे पहले भारतीय बाजार में उतारा गया था और जिसने देश में 10,000 कॉर्पोरेट उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया था। ओला कॉरपोरेट अपनी राइड सेफ पहल के तहत कई सुरक्षा सुविधाओं की पेशकश करेगा और महामारी के बीच सुरक्षित गतिशीलता के लिए स्वच्छता और सैनेटाईजिंग के प्रोटोकॉल का पालन करेगा।
भारतीय सेना को सटीक निगरानी के लिए मिला 'भारत' ड्रोन
🔹रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा भारतीय सेना को 'भारत' नामक ड्रोन सौंप दिए गए हैं। स्वदेशी रूप से विकसित किए गए यह ड्रोन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित पहाड़ी इलाकों में सटीक निगरानी करने के लिए दिए गए हैं।
🔸भारत ड्रोन के बारे में:
▪️भारत ड्रोन, दुनिया के सबसे हल्के और तेज ड्रोन निगरानी प्रणाली में से एक है और जिसे भारत में बनाया गया है।
▫️भारत ड्रोन कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस हैं जो ड्रोन को दोस्त से दुश्मनों तक का पता लगाने में मदद करता है और उसके अनुसार कार्रवाई करने में मदद करता है।
▪️ इसे अत्यधिक ठंडे मौसम के तापमान में काम करने के लिए बनाया गया है।
▫️ड्रोन को बेहद खराब मौसम में करने के लिए विकसित किया गया है। इतना ही नहीं, बल्कि ड्रोन मिशनों के दौरान सीधा वीडियो प्रसारण भी प्रदान करने में सक्षम है और साथ ही इसमें रात में काम करने की क्षमता भी है। यह उन घुसपैटियों का भी पता लगा सकता है जो घने जंगलों में छिपे होते हैं।
भारत-मालदीव ने माले में “आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं” स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये
▪️22 जुलाई, 2020 को भारत और मालदीवने माले में “आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं” स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।
🔸मुख्य बिंदु
▪️आपातकालीन चिकित्सा सेवा भारत द्वारा पड़ोसी देशों के लिए 20 मिलियन अमरीकी डालर की अनुदान सहायता के तहत वित्तपोषित है। इससे देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण समय के दौरान आपदा प्रतिक्रियाएं आदि।
▪️COVID-19 के दौरान पड़ोसियों के प्रति
🔹भारत की भूमिका
▪️भारत ने सार्क डिजिटल सम्मेलन की शुरुआत की। SAARC के तहत, भारत ने COVID-19 इमरजेंसी फंड बनाया और 10 मिलियन अमरीकी डालर की प्रारंभिक राशि दान की।
▪️अप्रैल 2020 में, भारत ने विदेशी मुद्रा स्वैप समर्थन के तहत मालदीव में 150 मिलियन अमरीकी डालर मुहैया करवाए थे। भारत ने मई 2020 में बांग्लादेश को 30,000 COVID-19 परीक्षण किट दान किए थे। इसके अलावा, भारत बांग्लादेश को COVID-19 प्रबंधन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इस व्यवस्था के तहत 347 से अधिक बांग्लादेश के पेशेवरों को प्रशिक्षित किया गया था।
▪️भारत ने सेशेल्स, मॉरीशस, मालदीव, कोमोरोस और मेडागास्कर को चिकित्सा आपूर्ति, खाद्य पदार्थ, आयुर्वेदिक दवाएं प्रदान करने के लिए ऑपरेशन SAGAR शुरू किया था।
🔸ऑपरेशन समुद्र सेतु
भारत ने मालदीव में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन समुंद्र सेतु लॉन्च किया।
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